अनुमति नहीं तुम्हें

जाओ

अनुमति नहीं तुम्हें

संवेदनाओं के लिए अब,

नहीं चाहिए वो छुअन

वो एहसास

नहीं चाहिए

जाओ अब 

बस

अनुज्ञा नहीं तुम्हें 

सअय के लिए अब

नहीं चाहिए इस धरातल पर साथ तुम्हारा

वो राबतह

बे सवद

नहीं याद मुझे कोई खुशबू तुम्हारी

महज़ दफ़ह

नहीं चाहिए सारहित साथ

अरशाद नहीं तुम्हें

जाओ

अनुमति नहीं तुम्हें

संवेदनाओं के लिए तुम्हारी,

नहीं चाहिए ।

~ दिवाकर

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