तुम, वक्त और मैं

जब भी तुम्हारा दिल धड़केगा 

समझ लेना 

तुम्हे याद किया मैने, 

वक्त ने मुझे पत्थर का बना दिया 

मैं तो तुम्हारे आँशु पोछने आया था  

पर अपनी सारी खुशियां खो बैठा, 

जी चाहता है 

कि दुनिया भर की खुशियां समेट कर 

तुम्हारा दामन भर दूं 

पर मेरे पास, 

जलती यादों के सिवा कुछ भी नहीं है, 

अब इसे किस्मत कहो,

वक्त का नाम दो 

हादसा कहो,

लेकिन ये सच है, 

हकीकत है 

की मेरे दिल का आईना 

मेरे आंखों के सामने चकनाचूर हो गया, 

और मैं उसकी आवाज भी नहीं सुन सका, 

मैंने तुम्हे इतना चाहा, 

इतना चाहा 

कि किसी और को चाहने की 

कोई आरजू हीं न रही,

मेरी हमदम न सही 

मेरी हमसफर न सही, 

हम दो कदम साथ तो चले थें,

उन्हीं कदमों की कसम 

उन्हीं वादों की कसम 

मुझे भूल जाना तुम 

मुझे भूल जाना । 



For all love in this universe that remains unattained. 







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